Maha Kali Chalisa in Hindi – माँ काली चालीसा
दोहा
जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार I
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार II
चौपाई
अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी I
अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता II
भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै I
दूजे हाथ लिए मधु प्याला । हाथ तीसरे सोहत भाला II
चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे । छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे I
सप्तम करदमकत असि प्यारी । शोभा अद्भुत मात तुम्हारी II
अष्टम कर भक्तन वर दाता । जग मनहरण रूप ये माता I
भक्तन में अनुरक्त भवानी । निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी II
महशक्ति अति प्रबल पुनीता । तू ही काली तू ही सीता I
पतित तारिणी हे जग पालक । कल्याणी पापी कुल घालक II
शेष सुरेश न पावत पारा । गौरी रूप धर्यो इक बारा I
तुम समान दाता नहिं दूजा । विधिवत करें भक्तजन पूजा II
रूप भयंकर जब तुम धारा । दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा I
नाम अनेकन मात तुम्हारे । भक्तजनों के संकट टारे II
कलि के कष्ट कलेशन हरनी । भव भय मोचन मंगल करनी I
महिमा अगम वेद यश गावैं । नारद शारद पार न पावैं II
भू पर भार बढ्यौ जब भारी । तब तब तुम प्रकटीं महतारी I
आदि अनादि अभय वरदाता । विश्वविदित भव संकट त्राता II
कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा । उसको सदा अभय वर दीन्हा I
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा । काल रूप लखि तुमरो भेषा II
कलुआ भैंरों संग तुम्हारे । अरि हित रूप भयानक धारे I
सेवक लांगुर रहत अगारी । चौसठ जोगन आज्ञाकारी II
त्रेता में रघुवर हित आई । दशकंधर की सैन नसाई I
खेला रण का खेल निराला । भरा मांस-मज्जा से प्याला II
रौद्र रूप लखि दानव भागे । कियौ गवन भवन निज त्यागे I
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो । स्वजन विजन को भेद भुलायो II
ये बालक लखि शंकर आए । राह रोक चरनन में धाए I
तब मुख जीभ निकर जो आई । यही रूप प्रचलित है माई II
बाढ्यो महिषासुर मद भारी । पीड़ित किए सकल नर-नारी I
करूण पुकार सुनी भक्तन की । पीर मिटावन हित जन-जन की II
तब प्रगटी निज सैन समेता । नाम पड़ा मां महिष विजेता I
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं । तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं II
मान मथनहारी खल दल के । सदा सहायक भक्त विकल के I
दीन विहीन करैं नित सेवा । पावैं मनवांछित फल मेवा II
संकट में जो सुमिरन करहीं । उनके कष्ट मातु तुम हरहीं I
प्रेम सहित जो कीरति गावैं । भव बन्धन सों मुक्ती पावैं II
काली चालीसा जो पढ़हीं । स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं I
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा । केहि कारण मां कियौ विलम्बा II
करहु मातु भक्तन रखवाली । जयति जयति काली कंकाली I
सेवक दीन अनाथ अनारी । भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी II
दोहा
प्रेम सहित जो करे, काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना, होय सकल जग ठाठ II
Maha Kali Chalisa In Hindi : काली चालीसा हिन्दी
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